Home रायगढ़ न्यूज हद हो गई, कॉम्प्लेक्स पूरा बना ही नहीं और हो गया आवंटन

हद हो गई, कॉम्प्लेक्स पूरा बना ही नहीं और हो गया आवंटन

by SUNIL NAMDEO

लैलूंगा में नगर पंचायत का गजब कारनामा, प्रतीक्षालय तोड़कर होटल व्यवसायी को फायदा

लैलूंगा/रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ जिले के लैलूंगा नगर पंचायत क्षेत्र में पारदर्शिता और नियमों पर सवाल खड़े हो गए हैं। नगर पंचायत ने जिस प्रतीक्षालय को यात्रियों के लिए बनाया था, उसे तोड़कर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ और चर्चा यह है कि 3 दुकानें पहले ही एक होटल व्यवसायी को आवंटित कर दी गई हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत ने नियमों को ताक पर रखकर यह खेल किया गया है। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार किसी भी नए कॉम्प्लेक्स के निर्माण से पहले टेंडर की प्रक्रिया होती है जिसे अखबारों में निविदा जारी करना होता है। इसे पंजीकृत ठेकदारों द्वारा प्रक्रिया का पालन करते हुए बोली के अनुसार टेंडर मिलता है परंतु यहां कुछ अलग ही हुआ है। जानकारी के अनुसार निर्माण कार्य से पहले कोई निविदा नहीं निकाली गई न हो टेंडर की प्रक्रिया हुई और निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया। कार्य पूरा होने वाला है। टोटल तीन कॉम्प्लेक्स निर्माण हुए हैं। निर्माण स्थल पर यात्री प्रतीक्षालय था, उसे तोड़ तोड़ कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है। जानकर बता रहे हैं कि यह कॉम्प्लेक्स का निर्माण सीधे होटल व्यवसायी को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया है।

परिषद की बैठक में प्रस्ताव हुआ कि नहीं यह बड़ा सवाल

                               निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी लेने नगर पंचायत के इंजीनियर अमित एक्का से फोन पर माध्यम से जानकारी ली गई तो बताया गया कि परिषद की बैठक नहीं हुई है। न ही टेंडर हुआ है, निविदा की जानकारी नहीं है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी ही निर्माण कार्य के संबध में जानकारी बता पाएंगे। यह एक गंभीर विषय है कि नगर पंचायत के इंजीनियर को निर्माण कार्य के बारे कोई जानकारी नहीं होता। अपने आप कई तरह के संदेह को जन्म देता है। आखिर इस निर्माण कार्य के लिए अलग से कोई इंजीनियर बुलाया जाएगा। ले आऊट सहित मूल्यांकन संबधित कार्य के लिए या आधिकारियों के मनमानी का नतीजा है कि इंजीनियर को पता नहीं या मामले की नजाकत को भांपते हुए इंजीनियर ने दूरी तो नहीं बना ली है। इधर,जिस होटल व्यवसायी को कॉम्प्लेक्स देने की चर्चा जोरो पर है, उस पर पहले से ही आरोप है कि उसने प्रतीक्षालय के पीछे की सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर होटल खड़ा कर लिया है। अब उसी से सटे कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराकर पूरा ढांचा बड़े होटल में तब्दील किया जा रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों और व्यापारियों का कहना है कि नगर पंचायत खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रही है। आम व्यापारियों को अवसर देने के बजाय मिलीभगत से चुनिंदा लोगों को फायदा पहुँचाया जा रहा है।

प्रतीक्षालय को तोड़ने का प्रमिशन पर भी संदेह के घेरे में

       इस पूरे मामले में नगर पंचायत की भूमिका सवालों के घेरे में है, क्योंकि जिस प्रतीक्षालय को तोड़ गया है उसको तोड़ने का नियम क्या है और किसने आदेश दिया है यह एक संदेह के घेरे में है।  जानकारों का कहना है कि प्रतीक्षालय को तोड़ने का बहुत सारे नियम होते है, उसमें नगर पंचायत की भूमिका सवालों के घेरे में है। अब देखना यह होगा कि उच्च अधिकारी इस गड़बड़ी पर कब तक चुप्पी साधे रहते हैं और क्या जांच की मांग उठती है।

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