Home रायगढ़ न्यूज तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गए बुजुर्ग की हाथी ने ली जान

तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गए बुजुर्ग की हाथी ने ली जान

by SUNIL NAMDEO EDITOR

कुड़ेकेला\रायगढ़ (सृजन न्यूज)। धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों से इंसानों की मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी फेहरिस्त में छाल वन परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 519 औरानारा में हाथी के हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान सुबरन राठिया पिता बुद्धु राठिया निवासी भलमुड़ी के रूप में हुई है।

                 बताया जा रहा मृतक कल दोपहर से तेंदूपत्ता तोड़ने गया था। रात में वापस नहीं पहुंचा। दूसरी सुबह जब पता लगाया गया तो जंगल मे सुबरन राठिया की लाश मिली। ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार को घर से तेंदूपत्ता गड्डी बांधने जंगली रस्सी लेने अपने खेत के पास जंगल गया था। शाम तक घर वापस नहीं आया, तब जाकर आज ग्रामीणों द्वारा जंगल में खोजबीन करने पर मृत अवस्था में पाया गया।

             बता दें छाल रेंज में हाथी हमले से अब तक 59 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, वहीं अब तलक यहां 28 हाथियों की भी कब्रगाह बन चुकी है। हाथी और मानव द्वंद्व को कम करने वन विभाग के सारे कवायद धरातल पर सिफर ही साबित हो रहे हैं। यह भी बता दें कि मौजूदा रेंज अफसर अपने परिक्षेत्र में वनों की कटाई रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं जब से 2021 से इन्होंने छाल वन परिक्षेत्र का पदभार संभाला है तब से आज तक यहां 5 हाथियों की अकाल मौत हो चुकी है तो हाथियों द्वारा 6 ग्रामीणों की भी जनहानि हो चुकी है,जो विभाग के लिए काफी चिंता का विषय है।

“घटते, कटते जंगल,बढ़ते हाथी”
वर्तमान परिदृश्य में वन मंडल के छाल क्षेत्र में लगातार वनों की अवैध कटाई हो रही है जिसे रोक पाने संबंधित अधिकारी और कर्मचारी असमर्थ नजर आ रहे हैं। वहीं जंगली हाथियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जो नष्ट होते वनों के चलते भोजन-पानी की तलाश में अब रिहायशी इलाकों में घुसने लगे हैं। इंसानों ने जंगल में घुसपैठ अतिक्रमण करना तेज कर दिया है, ऐसे में हाथी कहां जायेंगे वे भी इंसानी आबादी वाले क्षेत्रों में आने को मजबूर हैं।

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