रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। विद्यालय में शैक्षणिक के साथ साहित्य और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी छात्रों के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शैक्षणिक शिक्षण के साथ विद्यार्थियों को सह-शैक्षिक प्रतियोगिता में भी भागीदार करना शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है। इससे छात्रों में सामाजिकता, नेतृत्व गुण सामाजिक उपयोगिता, सहनशीलता की भावनाएँ विकसित होती है और बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। इसी कड़ी में ओपी जिंदल विद्यालय तराईमाल में बड़े ही उत्साह के साथ 15 दिसंबर को वार्षिक महोत्सव ‘अविरल’ युवा: भाविका: भवन्तु का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेंद्र यादव (आईएएस सीईओ जिला पंचायत रायगढ़) तथा विशिष्ट अतिथि रमेश कुमार मोर (एसडीएम घरघोड़ा), एसएस राठी (प्लांट हेड एनएसपीएल), डॉ. आरडी पाटीदार वाइस चांसलर ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी) तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पुष्प-गुच्छ और बैच लगाकर स्वागत गीत के साथ किया गया। वार्षिक महोत्सव ‘अविरल’ का शुभारंभ मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा ज्ञान की देवी माता सरस्वती एवं ओपी जिंदल समूह के प्रेरणा स्रोत स्व. ओपी जिंदल के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पवित्र दीप प्रज्वलित कर सरस्वती एवं गणेश वंदना के साथ किया गया।
वार्षिक महोत्सव के अवसर पर छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन, नृत्य नाटक, फिलर्स, आर्केस्ट्रा का मंचन करते हुए अपनी प्रतिभा से दर्शकों को भाव-विभोर कर मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगे परिधानों में अलग-अलग राज्यों की परंपराओं व संस्कृति को दर्शाते हुए प्री प्राइमरी विंग के नन्हे-मुन्ने छात्रों के नृत्य, प्राइमरी विंग के विद्यार्थियों के द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा, हैलोवीन, कठपुतली, कत्थक, चंद्रयान नृत्य, मिडिल और सीनियर विंग के विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, रामायण, महामारी कोविड-19 तथा सभी धर्मों की मिश्रित नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया। आर्केस्ट्रा बैंड के एक से बढ़कर एक सुरीली आवाज में अनेक गीतों की स्वर लहरियों ने कार्यक्रम में समा बांध दिया। हिंदी और इंग्लिश नृत्य नाटिका प्रस्तुति देख अभिभावक दंग रह गए। प्रत्येक कार्यक्रम के समापन के बाद विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत फिलर्स पर सभी हंसते रहे।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अलका गोडबोले ने गतवर्ष विद्यालय और विद्यार्थियों की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम से जहाँ बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। वही व्यस्ततम और तनाव मुक्त जीवन से हल्कापन महसूस होता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ ही सामाजिक सरोकार कला व खेल में भी रुचि रखनी चाहिए। मुख्य अतिथि जितेंद्र यादव ने अपने उद्बोधन में अपना अनुभव साझा करते हुए सफलता के 5 मूलमंत्र बताए। जैसाकि लक्ष्य को हर क्षण दोहराना, लक्ष्य प्राप्ति के लिए ध्यान लगाना, अनुशासन, कड़ी मेहनत तथा सोशल मीडिया से दूर रहकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखते हुए स्वस्थ वातावरण निर्मित करना। एसएस राठी ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज का दर्पण होता है। विद्यालय वह संस्था होती है जहां विद्यार्थियों का नैतिक, चारित्रिक व सामाजिक विकास होता है। विद्यालय इसी प्रकार सफलता के शिखर की ओर अग्रसर रहते हुए समाज को उचित दिशा प्रदान करता रहे। गतवर्ष सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में श्रेष्ठ अंक अर्जित करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन में अतिथियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उत्सव छात्र-छात्राओं की कड़ी मेहनत, शिक्षक और शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन और अभिभावकों एवं कर्मचारियों के सहयोग का परिचय है। हमें उम्मीद है,ओपी जिंदल विद्यालय के प्रयासों में सभी का सहयोग इसी तरह बना रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। एक दिवसीय यह वार्षिकोत्सव विद्यालय के लिए यादगार रहा। यह बच्चों की कला, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्भुत संगम था। यह आयोजन उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ और ओपी जिंदल विद्यालय तराईमाल के लिए यह अवसर ऐतिहासिक पल बन गया।