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संस्कार के सुबोध का स्विटजरलैंड के लिए चयन

by SUNIL NAMDEO

ईकोप्रेन्योरशिप पर कैम्प में होंगे शामिल

रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। रायगढ़ जिले की प्रतिष्ठित संस्था संस्कार पब्लिक स्कूल के सत्र 2024-25 के कक्षा 12वीं के छात्र सुबोध कुमार नायक पिता देवराज नायक का चयन स्विटजरलैंड के विलार्स-सुर-ओलोन स्थान के संस्था विलार्स इन्सटीट्यूट द्वारा किया गया है। 

               संस्कार पब्लिक स्कूल के मार्गदर्शक रामचन्द्र शर्मा ने बताया कि सिस्टम लिडर्स की आने वाली पीढ़ी को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने स्थाई समाधान विकसित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन विलार्स-सुर-ओलोन नामक शहर में 3 से 9 अगस्त 2025 तक के लिए आयोजित होगा। यह कार्यक्रम विलार्स इंटेसिव ईकोप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के अंतर्गत आयोजित होगा। इसमें प्रतिभागी परिवर्तनकारी शिक्षा मार्गदर्शन और व्यवहारिक सहयोग में संलग्र होने के लिए एकत्रित होंगे। इसमें शामिल विषय हैं-अभिजात वर्ग मेंटरशिप, अत्याधुनिक प्रणालीगत सोच, निवेशिक पीच के अवसर, प्रकृति के गहन अनुभवों पर चर्चा। यह गहन कार्यक्रम सीखने के साथ-साथ पुनर्योजी भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध युवाओं हेतु एक लॉंच पेड भी है।
विश्व के 30 प्रतिभागियों में हुआ चयन
मार्गदर्शक रामचन्द्र शर्मा ने बताया कि देवराज नायक के सुपुत्र सुबोध कुमार नायक प्रारंभ से ही बहुत ही मेघावी छात्र रहे। इस 7 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप के लिए सुबोध का ऑनलाईन चयन परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से किया गया। खुशी की बात यह है कि पूरे विश्व से केवल 30 असाधारण युवाओं के लिए एक विश्वस्तरीय प्रोग्राम हेतु सुबोध का चयन किया गया है। सुबोध के चयन पर पिता देवराज नायक, प्राचार्या श्रीमती रश्मि शर्मा सहित सभी टीचर्स एवं पालकों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बधाई दी है।
100 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिली
                                  प्राचार्या श्रीमती रश्मि शर्मा ने बताया कि सुबोध कुमार नायक को इस विलार्स इंटेसिव ईकोप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के लिए 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप प्रदान की गई है। सुबोध कुमार ने अपनी क्षमता और काबिलियत का परिचय देते हुए भी चरणों को सफलतापूर्वक पार किया जिसके चलते विलार्स इन्सटीट्यूट ने पूरी स्कॉलरशिप प्रदान की है। यह परीक्षा 16 से 22 वर्ष के महत्वाकांक्षी इकोपे्रन्योर के लिए यह आयोजन रखा गया है। इसमें अंग्रेजी में पारंगत होना आवश्यक है। यह स्कॉलरशिप 3500 डॉलर अर्थात 3 लाख भारतीय रूपये से अधिक की प्रदान की गई है।

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