रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ जिले के पूर्वी अंचल के सबसे पुराने बटमूल आश्रम परिसर में स्थित श्री जगन्नाथ मन्दिर काफी जीर्णशीर्ण है। छत से पानी टपकने के साथ प्लास्टर गिरने लगे हैं। ऐसे में भगवान जगन्नाथ और उनके अग्रज बलभद्र, बहन सुभद्रा के विग्रह को परिसर स्थित श्री हनुमान मंदिर में स्थानांतरित कर दी गई है।
लगभग 80 साल पुरानी यह मंदिर ईंट और चूने के गारे से बनाया गया था। बटमूल आश्रम पूर्वांचल के धार्मिक आस्था का केंद्र है।अंचल के लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। 12 एकड़ में फैले यह आश्रम करीब 300 साल पुरानी बताई जाती है जो बाबा दयाल दास की तपोभूमि रही है। इस आश्रम में समय समय पर सभी धार्मिक अनुष्ठान ग्रामवासियों के सहयोग से संपादित होते रहते हैं। रथ यात्रा, अन्नकुट, भागवत कथा के साथ वैवाहिक कार्यक्रम, व्रतोपनयन संस्कार जैसे सामाजिक गतिविधियां भी होती रहती है। वर्तमान में यह बटमूल आश्रम ट्रस्ट द्वारा सभी संचालन किया जाता है। मंदिर कायाकल्प के लिए श्री जगन्नाथ मन्दिर जीर्णोद्धार समिति गठित किया गया है जो अंचल के गणमान्य लोगों द्वारा बैठक आयोजित कर बनाया गया है।
समिति ने आज शुभ मुहूर्त में जीर्णोद्धार कार्य करने के लिए मंदिर परिसर में विधिवत पूजन अर्चन कर तोड़ने के लिए सब्बल भी चलाया गया। मंदिर का गर्भगृह वहीं रहेगा, बाकी परिसर को तोड़कर नव निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अंचलवासियों से कमेटी जीर्णोद्धार कार्य हेतु तन, मन, धन से सहयोग करने की अपील की है।
मंदिर कायाकल्प हेतु चयनित कमेटी में अर्जुन साहू ग्राम साल्हेओना अध्यक्ष बनाए गए हैं। विकास निषाद उपाध्यक्ष, टीकाराम प्रधान महापल्ली सचिव, उसत निषाद बनोरा कोषाध्यक्ष, अवधूत सा सकरबोगा सह सचिव नियुक्त किए गए हैं। कार्यकारिणी में सदस्य अशोक निषाद महापल्ली, गंगाराम सिदार बनोरा, मनोज प्रधान लोइंग, ललाट बेहरा कुकुर्दा, पांडू सिदार साल्हेओना तथा प्रमोद सा सकरबोगा की देखरेख में कायाकल्प संपादित होने जा रहा है।