दीपू बगीचा के अवैध छात्रावास को प्रशासन द्वारा बंद कराने के मामले ने पकड़ा तूल
जशपुर (सृजन न्यूज)। राजी पड़हा के द्वारा 3 सितंबर को आक्रोश रैली का आयोजन राजनीतिक स्टंट के दृष्टिकोण से किया जा रहा है। राजी पड़हा के लोग समाज के भोले भाले आदिवासियों को बरगला राजनीतिक फायदा उठाने की तैयारी में हैं। उक्त बातें जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा।
रायमुनि ने आगे कहा कि दीपू बगीचा में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे छात्रावास को बंद कराए जाने की कार्रवाई अगस्त को जिला प्रशासन ने किया है। इस कार्यवाही को राजी पड़हा के लोगों द्वारा गलत जानकारी देकर समाज के लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि यहां धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में किसी प्रकार का कोई रोक नहीं है और ना ही सीलबंदी की कोई कार्रवाई की गई है। राजी पड़हा के लोग झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को जशपुर में बुलाकर यहां की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने के प्रयास में है, साथ ही राजनीतिक स्टंट अपना राजनीतिक फायदा उठाने का एक षड्यंत्र भी रचा जा रहा जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। बाबा भीमराव आंबेडकर ने जिस संविधान में आदिवासियों को उनकी रूढ़ी और सामाजिक परम्पराओं को संरक्षित करने का अधिकार दिया है, राजी पड़हा उसी संविधान को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शांति भगत ने मामले में राजी पड़हा के द्वारा समाज के लोगों को बरगलाने पर कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि आदिवासी समाज उक्त आक्रोश रैली का पुरजोर विरोध करता है। राजी पड़हा के चंद लोग राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भोले भाले आदिवासियों को अपना ढाल बना रहे हैं। राजनीतिक रोटी सेंकने के मकसद से निकाले जाने वाले आक्रोश रैली की अनुमति शासन ना दे वह इसका भी मांग करती है। साथ ही जशपुर की शांत फिजां को दूषित करने वालों के दुस्साहस पर कड़ी कार्यवाही की मांग भी उनके द्वारा की जा रही है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृपाशंकर भगत ने राजी पड़हा के उक्त निर्णय पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि समाज को समाज से लड़ाने उनके इस प्रयास का पुरजोर विरोध किया जायेगा। राजी पड़हा के द्वारा लोगों को यह दिग्भ्रमित किया जा रहा है कि दीपू बगीचा में उन्हें न तो धार्मिक और न ही सांस्कृतिक आयोजन करने दिया जायेगा, जबकि यह सरासर गलत है।
वस्तुस्थिति यह है कि यहां राजी पड़हा द्वारा अवैध रूप से छात्रावास का संचालन किया जा रहा था जिस पर प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए सिर्फ छात्रावास बंद कराया है। समाज के लोगों को यहां नियमतः धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन करने पर किसी भी प्रकार का रोक टोक नहीं है। दीपू बगीचा पूरी तरह से खुला है। अगर कोई भी सामाजिक संगठन यहां नियम कानून का पालन करते हुए धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहता है तो प्रशासन से नियमतः पहले अनुमति ले यहां आयोजन कर सकता है।
नपा अध्यक्ष राधेश्याम राम ने राजी पड़हा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजी पड़हा ने कभी भी स्थानीय आदिवासियों को विश्वास में लेकर कार्य नहीं किया है और न ही समाज के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कभी कोई राय मशवरा किया है। राजी पड़हा द्वारा दीपू बगीचा और संगठन के मामले में कभी भी जशपुर के स्थानीय आदिवासियों को विश्वास में लेना जरूरी भी नहीं समझा जाता है। जब अवैध छात्रावास संचालन पर कार्यवाही हुई है तो समाज के भोले भाले लोगों को बरगला आगे कर रहा है। राजी पड़हा के लोग राजनीति स्टंट अपना समाज के लोगों का फायदा उठाना चाह रहे हैं। राजी पड़हा के द्वारा 3 सितंबर को निकाले जाने वाले आक्रोश रैली का विरोध करते हुए नपा अध्यक्ष ने कहा कि समाज के लोग जागरूक हो इनके बहकावे में न आएं।