Home रायगढ़ न्यूज चेक बाउंस कानून का स्थान लेता संपत्ति अंतरण कानून : एसके घोष

चेक बाउंस कानून का स्थान लेता संपत्ति अंतरण कानून : एसके घोष

by SUNIL NAMDEO

संपत्ति के विरूद्ध अपराध का नया शगल

साहूकारी का कारोबार का रूप अब बदलता चला जा रहा हैं। साहूकार धन राशि के बदले चेक लेना लगभग बंद कर चुके हैं और धन राशि के बदले में कृषि भूमि की बयाना पत्र करवा रहे हैं। बेहद कम दरों पर संपत्ति हासिल करने वाले साहूकारों के लिए संपत्ति अंतरण कानून वरदान साबित हो रहा है। संपत्ति को हथियाने का एक अपराध तो घटित हो ही रहा है, परंतु पीड़ित के पास कोई कानूनी उपचार उपलब्ध नहीं है।

       एक साहूकार जो पहले कभी चेक बाउंस कानून का सहारा लेकर अवैधानिक वसूलियां करने में सफल हो जाता था। अब उन चतुर साहूकारों ने कारोबार का तरीका बदल दिया है। रकम उधार देते समय लिखा पढ़ी के नाम पर बयाना चिठ्ठी लिखवाई जाती हैं, रकम खाता में अंतरित कर दी जाती हैं। कालांतर में बकाया रकम अदा कर विक्रय पत्र का निष्पादन हो जाता है।

संपत्ति के विरूद्ध अपराध को इस तरह से अंजाम दिया जाता हैं। साहूकार 2 लाख रूपए उधार देने के एवज में कृषि भूमि की ब्याना चिठ्ठी लिखवाता हैं, जिसमें सौदा 6 लाख का बताया जाता है और ऋणी के खाता में 5 लाख रूपए अंतरित करता हैं। ऋणी अपने खाते से 5 लाख रूपए निकालता हैं जिसमें 3 लाख साहूकार रख लेता हैं। ऋणी 6 माह के भीतर रकम लौटा नहीं पाता है तो साहूकार संपत्ति अंतरण कानून के जरिए 1 लाख रूपए खाता में अंतरित कर कृषि भूमि हथिया लेता हैं। इस तरह बेहद कम रकम देकर साहूकार संपत्ति का मालिक बन जाता है।

साहूकार को पता है कि कानून के जरिए उसका कुछ नहीं बिगाड़ा जा सकता है। ऋणी के पास इतना पैसा नहीं हैं कि वह विक्रय पत्र शून्य घोषित करवाने के लिए न्यायालय में वाद दायर कर सके। ऋणी वाद दायर कर भी देता हैं तो सबूत खुद ऋणी के विरूद्ध मौजूद है। बयाना पत्र बता रही है कि सौदा हुआ था, बैंक खाता प्रतिफल राशि का अंतरण बता रहा हैं। सिविल या अपराधिक कानून के जरिए साहूकार का कुछ भी नहीं बिगाड़ा जा सकता है। उनका तो धंधा अच्छे से फल-फूल रहा है।
जरूरत है इस विषय पर गहन सोच विचार करने की।

एसके घोष (अधिवक्ता)
सिविल लाईन्स, रायगढ़
मोबाइल फोन – 9993786929

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