रायगढ (सृजन न्यूज)। छात्रहित के लिए सक्रिय भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने इस बार फिर एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है। एनएसयूआई ने नीट एग्जाम में अनियमित और घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग को लेकर जिलाधीश के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।
कलेक्टर कर्तिकेया गोयल के नाम प्रेषित आवेदन में भाराछासं के अध्यक्ष आरिफ हुसैन ने कहा है कि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट नीट की परीक्षाएं बीते 5 मई को पूरे देशभर में हुई। इसके परिणाम 4 जून को आए जो कि छात्रों के लिए अनपेक्षित थे, क्योंकि इसमें कई अनियमिताएं एवं घोटाले की आशंका है। पेपर लीक शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे इस ‘पेपर लीक उद्योग’ की भूमिका उक्त रिजल्ट में साफ झलकती है जिस कारण कई सवाल भी उत्पन्न होते हैं।
आरिफ ने दावा किया कि NEET की परीक्षा के पैटर्न के अनुसार कुल अंक 720 में से 719 या 718 नंबर आना संभव ही नहीं। वहीं, एजेंसी NTA के द्वारा जारी किए गए रिपोर्टकार्ड विश्वसनीय है या फिर उक्त रिपोर्ट कार्ड को शिक्षा माफिया व ‘पेपर लीक उद्योग’ में लिप्त लोगों द्वारा मिलीभगत कर हेरा-फेरी की गई है। एक ही परीक्षा सेंटर से 5 से अधिक छात्रों का टॉप रैंक स्टूडेंट्स में होना सवाल खड़े करता है। घोटाले की इस खबर को जानबूझकर छिपाने के लिए परिणाम को जल्दबाजी में चुनावी रिजल्ट के टाइम जारी किया गया ताकि यह मुद्दा गायब हो जाए।
यही नहीं, एनएसयूआई नेता ने यह भी कहा कि सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं जैसे JEE, NEET, NET, CUET को प्राइवेट घोटालेबाज संस्था NTA के द्वारा ही संचालन किया जाता है। प्राइवेट संस्था होने के चलते एवं उपरोक्त कृतियों के कारणवश, NAT की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़े होते हैं। ऐसे में शिक्षा माफिया व ‘पेपर लीक उद्योग’ के साथ NAT की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि, NEET परीक्षा के आयोजन के साथ ही पेपर लीक के आरोप लग गए थे। सोशल मीडिया पर पेपर था। पुलिस ने कई राज्यों में लोगों को गिरफ्तार किया, पर फिर भी कोई एक्शन नहीं हुआ।
यही वजह है, NSUI मांग करती है कि NTA के इस NEET घोटाले की CBI से जांच करवाते हुए पीड़ित छात्रों को उचित न्याय दिया जाए। चाहे उसके लिए परीक्षा वापस ही क्यों न आयोजित करवानी पड़े।