1 जुलाई से लागू हो रहे नई संहिताओं पर जानकारी देने हुई कार्यशाला
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। आगामी 1 जुलाई 2024 से लागू हो रही नवीन कानून संहिताओं के संबंध में आज नगर निगम ऑडिटोरियमए पंजरी प्लांटए रायगढ़ में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार नया कानून ला रही है, जिससे जनसामान्य को त्वरित न्याय मिलेगा, वहीं अपराधियों को भी जल्द सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून और इसकी धाराओं में किया गया बदलाव इसी 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएगा। इसका उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में हर सभी लोगों को जानकारी होना बहुत आवश्यक है। राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने कहा कि अपराधियों के लिए नए कानून में गंभीर सजा एवं समाज को अपराध मुक्त बनाने के लिए कड़े प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अब सारे रिकार्ड ऑनलाईन और कम्प्यूटरीकृत हो रहे है। नये कानून में वह सब सुविधा लोगों को उपलब्ध होगी, जिससे न्याय और निर्णय शीघ्र मिलेगा।
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कहा कि हमारा पहला कानून संविधान है। संविधान के अधीन बाकि कानून बनाये एवं अपनाये गये है। आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट के माध्यम से समाज में सामाजिक सौहाद्र्र एवं समरसता बनाए रखने के लिए बनाए गए है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आगामी 1 जुलाई से कानून में हो रहे संशोधन की जानकारी देना है। हमें समझना होगा कि इन कानून से किसी भी तरह से हमारे निजी हितों में परिवर्तन या हनन नहीं हो रहा है, जो कानून प्रणाली में न्याय पाने की जिज्ञासा किसी समाज में होती है, उसको और सरल बनाकर उसकी पहुंच बढ़ायी जा रही है। पुराने जमाने में आतंकवादी या साइबर फ्रॉड जैसे क्राईम नहीं होते थे। इन सब को परिभाषा मेें लाने के लिए जो आज हमारे लिए सामाजिक रूप से आवश्यक है, संशोधित नए कानून में शामिल किया गया है। इसी प्रकार बच्चों एवं महिलाओं के प्रति अपराध पर अंकुश लगाने एवं त्वरित न्याय देने हेतु जरूरी संशोधन किए गए है। कलेक्टर श्री गोयल ने शिक्षकों को स्कूल, कॉलेजों मेंं बच्चों को जानकारी के साथ ही उपस्थित जनसामान्य को जागरूक करने का आग्रह किया।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने 01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता 2023 ए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के निहित प्रावधानों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नया कानून हम सभी के लिए अपने कर्तव्य निर्वहन हेतु अत्यंत आवश्यक एवं लाभदायक सिद्ध होगी। इस नये प्रावधानों का मुख्य उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है। नए कानूनों में अपराधियों के लिए गंभीर सजा तथा समाज को अपराध मुक्त करने हेतु कड़े प्रावधान सम्मिलित है। नवीन कानूनों के तहत किसी भी व्यक्ति को ऑनलाईन एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा भी प्रदान की गई है। यदि हम नए कानूनों के उद्देश्यों की बात करें तो इनका उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, नागरिक अभियुक्त तथा पीडि़त केन्द्रित कानूनों हेतु कल्याणकारी अवधारणा, कानूनी प्रक्रियाओं की सरलता, संक्षिप्त ट्रायल की सरलता, अनुसंधान में नवीन फारेंसिक टेक्नालॉजी का उपयोग, डिजिटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों संबंधी प्रावधानों के साथ समयबद्ध प्रक्रिया का पालन जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण एवं समयानुकूल परिवर्तन किए गए है।
अपर कलेक्टर राजीव कुमार पाण्डेय ने बताया कि नए कानून में भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है। इसी तरह दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है। इस दौरान उन्होंने भारतीय न्याय संहिता 2023 में शामिल नये कानूनों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला में उप संचालक अभियोजन श्री वेदप्रकाश पटेल ने पुराने कानून एवं आगामी 1 जुलाई से लागू होने वाले नये कानूनों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, सीएसपी आकाश शुक्ला, डीएसपी सर्वश्री अभिनव उपाध्याय, अखिलेश कौशिक, सिद्धांत तिवारी एवं अखिलेश कौशिक, एएसपी सुरेशा चौबे, जिला अभियोजन अधिकारी सिद्धार्थ ठाकुर, अध्यक्ष बार एसोसियेशन रमेश शर्मा सहित अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, डॉक्टर एवं बड़ी संख्या जनसामान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन प्राचार्य राजेश डेनियल ने किया।