Home रायगढ़ न्यूज नव दुर्गा फ्यूल प्लांट कर रहा फ्लाई एश का अवैध डंपिंग

नव दुर्गा फ्यूल प्लांट कर रहा फ्लाई एश का अवैध डंपिंग

by SUNIL NAMDEO EDITOR

पर्यावरण मित्र ने की 1 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाने की मांग

https://youtu.be/n8wjbHhTBcE?si=yRc3UJxPOE2wZ0ux

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। नव दुर्गा फ्यूल प्लांट पर गंभीर पर्यावरणीय उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पर्यावरण मित्र संगठन के बजरंग अग्रवाल ने कलेक्टर को पत्र सौंपा है। आरोप है कि फ्यूल प्लांट द्वारा फ्लाई एश को गांव के किनारे, जंगल, नदी, और नालों के पास अवैध रूप से डंप किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर खतरा हो सकता है।

                        बजरंग अग्रवाल ने कलेक्टर से इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए सुझाव दिया कि फैक्ट्रियों द्वारा अवैध रूप से डंप की जा रही फ्लाई ऐश की जांच के लिए पंचायत सचिव को निर्देशित किया जाए। पंचायत सचिव को गांव के 20 किमी दायरे में स्थित नदी, नाले, तालाब, और जंगलों में डंप की जा रही फ्लाई ऐश की जानकारी देने का निर्देश दिया जाए। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि इस उद्योग के ऊपर कम से कम 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाए। साथ ही पर्यावरण संरक्षण नियम की धाराओं के तहत 3 साल की सजा होनी चाहिए। इस उद्योग के द्वारा यहां वहां अवैध रूप से डंप किए गए फ्लाई ऐश की वजह से न सिर्फ पर्यावरण को भारी क्षति हो रही है, बल्कि मानव जीवन पर भी फ्लाई ऐश की वजह से गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लोगों में कई तरह की बीमारियां भी फैल रही है। यदि उद्योगों पर कड़ाई से कार्रवाई और भारी भरकम जुर्माना लगाया जाए ताकि दूसरे उद्योग भी ऐसा कृत्य करने से डरें।

                             पर्यावरण मित्र ने यह भी मांग की है कि पर्यावरण विभाग से इस अवैध डंपिंग की व्यापक जांच कराई जाए। इसके साथ ही, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रति टन 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाए, ताकि इस प्रकार के उल्लंघनों पर रोक लगाई जा सके। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने यह भी मांग किया है कि उद्योगों द्वारा लगभग 70 प्रतिशत फ्लाई ऐश को अवैध तरीके से जंगल, नदी, नाले, और खेतों के आसपास डंप किया जाता है।

        उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए सभी उद्योगों को फ्लाई ऐश निपटान की जियो टैगिंग करवाने की मांग की है, जिससे अवैध डंपिंग को रोका जा सके। इस पत्र के बाद जिला प्रशासन किस तरह का सख्त कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है, और उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही उचित कार्रवाई करेगा।

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