रायगढ़ (सृजन न्यूज)। शहर के वार्ड नं 28 के बाद अब वार्ड नं 21 बेलादुला से भी अब्दुल सलीम (मुन्ना भाई) ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है। वार्ड नंबर 21 के पर्यवेक्षक मुक्तिनाथ साहू बबुआ को उन्होंने कल अपना आवेदन सौंप दिया है।

रविवार को बेलादुला में बैठक के दौरान अब्दुल सलीम के काफी समर्थक वहां पहुंचे और पर्यवेक्षक मुक्तिनाथ साहू से उनके लिए टिकट की मांग की। समर्थकों का कहना है कि वार्ड के सैकड़ों युवा अब्दुल सलीम भैय्या की दावेदारी का समर्थन करते हैं। भाजपा अगर उन्हें इस वार्ड से टिकट देती है तो सैकड़ों युवा समर्थक उनके लिए जी जान से मेहनत करेंगे। उन्होंने अब्दुल सलीम को सुख-दुख का साथी भी बताया।

अब्दुल सलीम (मुन्ना भाई) बीते 35 साल से भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। हर चुनाव में पार्टी की तरफ से दी गई जिम्मेदारी का वो पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करते हैं।खरसिया उपचुनाव में उन्होंने कुमार दिलीप सिंह जूदेव के पक्ष में जोरदार प्रचार किया था। पार्टी के शीर्ष नेताओं के आदेश के बाद उन्होंने पेंड्रा चुनाव में भी जमकर पसीना बहाया था। उस बखत उन्हे पेंड्रा के मुस्लिम बहुलता वाले वार्ड नंबर 8 की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें उनकी सधी हुई रणनीति की वजह से भाजपा को उस वार्ड से बढ़त मिली थी। 2003 में भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में काम किया था। हर पंचायत और बीडीसी चुनाव में अब्दुल सलीम को पार्टी द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसमें वे हमेशा खरे उतरते हैं। 15 बरस पहले उन्होंने तत्कालीन अल्प संख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रुस्तम भाटी का सफल कार्यक्रम रायगढ़ में करवाया था, जिसका जिक्र खिलता कमल बुक में भी किया गया था।
अब्दुल सलीम ने बताया कि वे विगत 35 वर्षो से भाजपा से जुड़े हुए हैं। भाजपा उनकी मातृ संस्था है। एक कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने पैंतीस सालों से भाजपा की सेवा की है।अब वो दो वार्डों से पार्टी से टिकट मांग रहे हैं।उनका कहना है कि पार्टी उन्हें मौका देती है तो वे चुनाव जीतकर पार्षद बनकर अब जनता की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वार्ड नं 28 से भी उनकी दावेदारी है,किंतु कौशलेष मिश्रा पार्टी के सीनियर नेता हैं और भाजपा में सीनियर नेताओं का सम्मान की परंपरा रही है इसीलिए उन्होंने अब वार्ड नं 21 बेलादुला से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। बेलादुला में उनकी बड़ी टीम है और वहां के अधिकतर निवासी चाहते हैं कि वे वहां से चुनाव लड़ें।