Home रायगढ़ न्यूज लोकमाता अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती प्रदेश स्तरीय चित्र निर्माण कार्यशाला

लोकमाता अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती प्रदेश स्तरीय चित्र निर्माण कार्यशाला

by SUNIL NAMDEO

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। संस्कार भारती छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में 18 से 20 अप्रैल तक लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की त्रि-शताब्दी जयंती के अवसर पर प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन बूढेश्वर मंदिर बूढ़ा तालाब रायपुर में किया गया। इस कार्यशाला में चित्रनिर्माण सामग्री कैनवास, कलर, ब्रश तथा पेलट, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार SCZCC के सौजन्य से प्राप्त हुई। भारतीय इतिहास की कुशल शासिका पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के समाज सेवी कार्यो को उद्धृत करने एवं उनके विशाल व्यक्तित्व से प्रदेश व देश के नागरिकों को प्रेरणा प्राप्त हो, इस उद्देश्य से चित्रमाला का निर्माण किया गया।
          इसकी पूर्व तैयारी के रूप में बिलासपुर के वरिष्ठ चित्रकार दिलीप पात्रिकर व संस्कार भारती छत्तीसगढ़ के प्रांतीय महामंत्री हेमन्त माहुलीकर कोरबा ने उनकी जीवनी का अध्ययन कर 55 प्रसंग निर्धारित किया। फिर चित्रकला संयोजक चंद्रशेखर देवांगन बिलासपुर, सहसंयोजक भोजराज धनगर रायपुर और वरिष्ठ चित्रकार मनोज श्रीवास्तव रायगढ़ के साथ इन विषयों पर विस्तृत चर्चा कर इसे अंतिम रूप दिया गया। संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की ओर से दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के निदेशक श्रीमती आस्था कारलेकर को प्रस्ताव दिया गया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के नियमों के तहत सामग्री उपलब्ध कराने की सहमति दी।
        प्रदेश के अंतिम छोर के जिले बलरामपुर – रामानुजगंज से लेकर बस्तर तक चित्रकारों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें कार्यशाला में आमंत्रित किया गया। चित्रकला में उपाधि प्राप्त युवा कलाकार सहित प्रदेश के अनुभवी कलाकारों में से 18 महिला एवं 32 पुरुष चित्रकारों ने कार्यशाला में भाग लेते हुए 50 चित्रों की एक विशाल चित्रमाला 3 दिवस में तैयार किया। चित्रकारों को लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन प्रसंगों पर अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग करते हुए चित्र बनाने थे जिसे सभी ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए बखूबी निभाया। सबको संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की ओर से प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया गया।
                   इस महत्वपूर्ण और सृजनात्मक कार्यशाला में विभिन्न जिला क्षेत्रों से शामिल 50 सक्रिय चित्रकारों के 50 चित्रों के बीच, मनोज श्रीवास्तव द्वारा इन्दौर के चन्द्रेश्वर मन्दिर के जीर्णोद्धार विषय पर, सुरेन्द्र मेहर द्वारा आडा बाजार प्रसंग (मालेराव के रथ से कुचला बछड़ा, अहिल्या बाई रथ पर कोधित मुद्रा में, बंधन में सड़क पर पड़ा मालेराव, बचाने के प्रयत्न में गाय) पार्श्व में राजमहल विषय पर, अमृता गौरव श्रीवास्तव (पिथौरा, महासमुंद) द्वारा रुकमणी-विठोबा के चित्र के साथ पंढरपुर में मंदिर निर्माण विषय पर, स्वाती पंड्या द्वारा आध्यात्मिक शक्ति की छत्रछाया में ही सांस्कृतिक शक्तियों का उद्गम होता है और इस समय देश को आवश्यकता थी गंगा सी पावनता और सीता सी दृढ़ इच्छा शक्ति से परिपूर्ण एक दिव्य मातृ शक्ति के भू पर अवतरित होने के विषय पर, ध्रीति राठौड़ द्वारा सनातन संस्कृति का पुनरूत्थान सोमनाथ का जीर्णोद्धार – सामने अहिल्या बाई की प्रतिमा हाथ में शिवलिंग, समुद्र का दृष्य विषय पर, 3×3.5 फीट के कैनवास पर चित्रकृतियों की रचना की गई।
                समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि सुदेश शर्मा अध्यक्ष चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी थे । संस्कार भारती के प्रांतीय संरक्षक योगेश अग्रवाल प्रदेश अध्यक्ष रिखी क्षत्रिय, रायपुर महानगर अध्यक्ष एवं साहित्य परिषद संस्कृति मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के अध्यक्ष शशांक शर्मा, प्रदेश महामंत्री हेमन्त माहुलीकर, सह महामंत्री डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, कोष प्रमुख जागेश्वर मानसर भी मुख्य रूप से उपस्थित थे। आगामी दिनों में बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, दुर्ग सहित राजधानी रायपुर में इन चित्रों के प्रदर्शनी लगाने की योजना बनाई जा रही है।

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