रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में आज जिला जेल रायगढ़ का भ्रमण किया गया। साथ ही विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देवेंद्र साहू ने आयोजित शिविर में बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि जिन बंदियों के मामले में अधिवक्ता नहीं हैं। उनकी ओर से लीगल एड डिफेंस कौसिल, पैनल अधिवक्ता, प्रतिधारक अधिवक्ता द्वारा मामले में पैरवी करने तथा जमानत आदि की कार्यवाही करने के बारे में बताया गया।
उन्होंने छोटे अपराधों में निरूद्ध ऐसे बंदी, जो लम्बे समय से जेल में हैं, उनके मामलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा त्वरित संज्ञान लेने तथा संबंधित न्यायालय में जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने हेतु सचिव श्रीमती अंकिता मुदलियार को निर्देशित किया गया। साथ ही ऐसे बंदी जिनकी जमानत स्वीकृत हो गई है, किन्तु किसी असमर्थतता के कारण जमानत प्रस्तुत नहीं किया गया है, ऐसे मामलों में धारा 440 दंप्रसं के अन्तर्गत आवेदन संबंधित न्यायालय में दाखिल कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही कैदियों को मिलने वाली भोजन व मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी की गई।
जिला जेल से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर, जेल की क्षमता, बंदियों के लिये वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से मुलाकात करने एवं न्यायालय पेशी में उपस्थित होने के संबंध में समीक्षा ली गई। मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट के द्वारा जेल अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया और कैदियों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधा के बारे में उनके खान-पान, प्राप्त होने वाले मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति से संबंधित जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान पीने का पानी, रहने व सोने की व्यवस्था, मनोरंजन की सुविधा आदि के संबंध में जानकारी लिया गया। जेल लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से जिन बंदियों के मामलों में अधिवक्ता नहीं हैं, उन्हें पैरवी करने तथा जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने हेतु विधिक सहायता प्रदान कर नि:शुल्क अधिवक्ता दिलाये जाने के बारे में बताया गया। बंदियों को रिहा होने के उपरान्त पुन. अपराध न करने की अपील की गई।
विधिक साक्षरता शिविर में प्रवीण मिश्रा न्यायाधीश एवं अंकिता मुदलियार सचिव के अतिरिक्त जेल के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी एवं पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित रहे।