रायगढ़ (सृजन न्यूज)। पीड़ित मानवता की सेवा में बेहद सक्रिय अघोर गुरूपीठ आश्रम बनोरा के अनुयायी इन दिनों आग उगलती गर्मी से बेहाल लोगों के सूखे कंठ को तृप्त करने को अपना धर्म समझ रहे हैं। ऐसे में अब जूटमिल के गोगा राइस मिल के करीब बनोरा आश्रम ने ऐसा प्याऊ खोला है, जहां राहगीरों को मटके वाले ठंडे पानी के साथ गुड़ भी परोसने की विलुप्त हो रही भारतीय परंपरा की झलक दिखाई देती है।
शहर के नटवर स्कूल के सामने प्याऊ खोलने के बाद अघोर गुरूपीठ आश्रम बनोरा से जुड़े समाजसेवी लोगों ने 4 मई की सुबह गोगा राइस मिल के नजदीक भी नारियल फोड़कर एक और प्याऊ का श्रीगणेश किया। अवधूत राम के चित्र की पूजा अर्चना कर लाल कपड़े से बंधे मटके के शीतल जल के साथ जब राहगीरों को गुड़ की मिठास मिली तो उनके चेहरे की दमक देखने लायक रही। चूंकि, प्याऊ का आज पहला दिन था इसलिए प्रसाद स्वरूप नारियल और पेड़े पाकर लोग खुश दिखे।
प्याऊ उद्घाटन के अवसर पर अघोर गुरूपीठ आश्रम बनोरा से संबद्ध राजेश कछवाहा, दीपक कछवाहा, उमेश श्रीवास, प्रदीप श्रृंगी, खगेश्वर यादव, दुष्यंत देवांगन, भुवन डनसेना, परीक्षित मेहर, दीपू शर्मा सहित अन्य लोगों ने राहगीरों को पानी के साथ गुड़ की मीठी सौगात देते हुए इंसानियत का धर्म निभाया।
गुड़ और पानी का रिश्ता है अनोखा
प्याऊ के सूत्रधार दीपक कछवाहा ने बताया कि पहले जमाने में जब किसी घर में कोई अल्प समय के लिए अतिथि पहुंचता या पीने के लिए पानी मांगता था तो हिंदुस्तानी परंपरा के अनुसार उसे शीतल जल के साथ गुड़ भी दिया जाता है, ताकि पानी से प्यास बुझने के साथ उसका स्वास्थ्य भी बेहतर रहे। यही वजह है बनोरा आश्रम द्वारा संचालित प्याऊ में लोगों को पानी के साथ गुड़ भी देते हैं।