रायपुर (सृजन न्यूज)। आधुनिकता की चादर ओढ़े हुए लोगों ने मातृ दिवस का पालन करते हुए जहां जोरशोर से अपनी माता की सेवा की। वहीं एक निरीह माता रोड में घसीटी जा रही थी। इस हॄदय विदारक मंजर को देख राष्ट्रीय मानव अधिकार क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने सकारात्मक पहल कर अपना कर्त्तव्य निभाया।


दरअसल, राष्ट्रीय मानवाधिकार क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के सक्रिय सदस्य और सीनियर एडवोकेट रजनीश कांत दुबे बिलासपुर हाई कोर्ट से अपना काम कर रायपुर वापस जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि सरगांव के पास एक गौ माता के पैर में रस्सी बांधकर उसे निर्दयतापूर्वक घसीटते हुए ले जाया जा रहा था। चूंकि, रजनीश कांत दुबे एक गौसेवक भी हैं, इसलिए उन्होंने मौके की नजाकत को भांप वहां के नगर अध्यक्ष परमानंद साहू से संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी।


फिर क्या, अधिवक्ता को मदद करने की बजाए परमानेंट साहू ने बदतमीजी से बात की और कहा कि अगर आपको इतनी दया रही है तो आप ही उनकी व्यवस्था क्यों नहीं कर देते। ऐसे में रजनीश कांत दुबे ने सरगांव थाने में कॉल किया तो वहां श्री बंजारे ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घटना स्थल पर पहुंचे। इसके बाद अधिवक्ता दुबे ने एक गाड़ी कर पूरे सम्मान के साथ गौ माता को भेजवाने की पहल की।


अधिवक्ता रजनीश कांत दुबे का कहना है कि इंसानियत खत्म होने की कगार पर है और दादागिरी बढ़ते जा रही है। इस पर रोकथाम करना अत्यधिक जरूरी है। हम सभी का सहयोग रहेगा तभी हम आगे की कार्यवाही कर सकेंगे। जनता गौ माता के लिए पूर्ण रूप से जागरूक हो चुकी है। नगर अध्यक्ष परमानंद साहू ने जिस तरह अपने पद की गरिमा की अवहेलना की, इस हालात में क्या वे अपने पद में रहने लायक है ?


