
रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। ओ.पी. जिंदल विद्यालय तराईमाल में गत 1 अक्टूबर को हर्षोल्लास के साथ दादा-दादी, नाना-नानी दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना एवं गणेश भगवान की वंदना से हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रायगढ़ के सांसद राधेश्याम राठिया, नरेश पंडा, जगत राम भोय, विश्वचरण भोय एवं नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक एसएस राठी, आरके त्रिपाठी को विद्यार्थियों द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट दिया। कार्यक्रम के केंद्र बिंदु प्यारे दादा-दादी, नाना-नानी जी का स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि एसएस राठी ने दादा-दादी, नाना-नानी को हमारे जीवन के महत्वपूर्ण अंग मानते हुए कहा कि जो बच्चा अपने दादा-दादी,नाना-नानी की छाया से वंचित हो जाते हैं; उनके संस्कारों में कहीं न कहीं कमी देखने को रह जाती हैं। कार्यक्रम के माध्यम से छोटे बच्चों ने जो अपने दादा- दादी,नाना-नानी के प्रति आत्मीयता का संदेश समाज को देने कोशिश की हैं, उन नन्हें मुन्हें बच्चों की प्रशंसा में सांसद ने कहा कि शिक्षा के साथ व्यावहारिक और व्यावसायिक ज्ञान भी दे ताकि अच्छा नागरिक बन सकें, साथ ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं।
प्राचार्या श्रीमती अलका गोडबोले ने विद्यालय के सितारे नन्हें- मुन्हें बच्चों तथा दादा-दादी, नाना-नानी के प्रति प्रेम प्रकट करते हुए संभाषण में कहा कि आज के आधुनिक भागदौड़ जिंदगी में माता-पिता अपने व्यवसाय में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि बच्चों की देखभाल,अच्छे संस्कारों का विकास करने में कही गुम हो जाते हैं। ऐसे समय में दादा- दादी,नाना-नानी ही बच्चों के संपूर्ण व्यक्तिव के विकास में सहायक होते हैं चाहे वे कहानी सुनाने के माध्यम से हो या उनके साथ खेल खेलने से हो। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषण, हिंदी नाटक,पंजाबी समूह नृत्य, अंग्रेजी समूह गान, ओड़िया, मराठी कविता, अंग्रेजी नाटक तथा पारंपरिक पोशाक में रैंप वॉक कर विद्यार्थियों ने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति का परिचय दिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों का अपने दादा-दादी, नाना-नानी के बीच रिश्तों को मजबूत करना और परिवार के महत्व को समझाना था।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में 29 सितंबर को जिला भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में महिला मोर्चा/सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा रंगोली (विकसित भारत 2047) तथा चित्रकला प्रतियोगिता (विषय आत्मनिर्भर भारत प्रतियोगिता) आयोजित की गईं थी। इसमें विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी कला की छटा बिखेरते हुए दोनों प्रतियोगिता में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन भी किए। उन विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि ने पुन: स्मृति चिन्ह, प्रशंसित, सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य अतिथि तथा दादा-दादी, नाना -नानी को प्राचार्या ने स्मृति चिन्ह भेंट की। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान से हुआ।

