Home छत्तीसगढ़ परिवार ही है बच्चे की पहली पाठशाला: विष्णुदेव साय

परिवार ही है बच्चे की पहली पाठशाला: विष्णुदेव साय

by SUNIL NAMDEO EDITOR

मुख्यमंत्री ने पालकों से जाने पालक-शिक्षक संवाद के अनुभव

रायपुर (सृजन न्यूज)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बंदरचुंआ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मेगा पालकशिक्षक बैठक कार्यक्रम में शामिल हुए। न्होंने पालक शिक्षक बैठक में शामिल होकर पालकों से कार्यक्रम को लेकर उनके अनुभव जाने। बच्चों के मातापिता के साथ कुछ बच्चों के दादा दादी भी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि परिवार किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला है और माता पिता पहले गुरु।

                                 श्री साय ने आगे कहा कि शासकीय स्कूलों में पालक शिक्षक संवाद का कार्यक्रम शुरू किया गया है जिससे पालकों को उनके बच्चों के पढ़ाईलिखाई के बारे में जानकारी मिले और बच्चे के शैक्षणिक प्रगति में उनकी भी सहभागिता हो। आज स्कूलों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काफी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अपने बच्चों के शिक्षकों से सतत संपर्क में रहें। इससे बच्चे के पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी मिलेगी ही साथ ही आपकी सहभागिता से बच्चे के गलत संगत में जाने की आशंका भी नही होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पालकों को सम्मानित भी किया।

       स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि प्रदेश के सभी साढ़े 5 हजार संकुलों में मेगा पालकशिक्षक मीटिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात रखी कि प्राइवेट स्कूल में पीटीएम आयोजित होता है, लेकिन सरकारी स्कूलों में यह नहीं होता है। इसे हमें लागू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह पालकशिक्षक बैठक आयोजित किया जा रहा है। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा। पालकशिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य है पढ़ाई लिखाई और स्कूली गतिविधियों में शिक्षकों के साथ पालकों की सहभागिता हो।

दादा ने कहा – मैं भी यहां से पढ़ा, मेरा पोता भी यहीं पढ़ रहा
डोंडापानी के हरिसेवक चौहान ने बताया कि वे खुद इसी स्कूल से पढ़े हैं और अब उनका एक पोता यहां से पढ़कर अभी एमएससी कर रहा है। वहीं दूसरा पोता अभी जीव विज्ञान विषय के साथ कक्षा 11वीं में है। उन्होंने इस कार्यक्रम को शिक्षा गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में एक शानदार पहल बताते हुए कहा कि हमारे शिक्षक कहते थे, मैं आपको तो पढ़ा ही रहा हूं। आपके साथ आपके बच्चों की अच्छी शिक्षा का माध्यम भी बन रहा हूं, क्योंकि आप शिक्षित होंगे तो आपका बच्चा भी निश्चित रूप से शिक्षित होगा। पालक और  शिक्षक के बीच संवाद से बच्चे के शिक्षा के स्तर की निरंतर मॉनिटरिंग होगी और उनकी नींव मजबूत होगी। इसी प्रकार फिलसिता कुजूर ने बताया कि मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नही हूं, लेकिन अपनी पोती को अच्छे से पढ़ाने लिखाने का प्रयास कर रहे हैं। पालक शिक्षक बैठक सभी पालकों को उनके बच्चों के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे वे घर में भी बच्चों पर मेहनत कर पाएंगे।

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