गुटबाजी खत्म करने वरिष्ठ नेताओं पर बन सकती है सहमति
रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिले में शहर और ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ जहां कांग्रेस का एक धड़ा अपनी पहुंच पकड़ के भरोसे खुद को जिलाध्यक्ष के लिए प्रस्तुत करने की कोशिश में लगा है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अनुभवी व समर्पित नेता भी जिला कांग्रेस का सेनापति बनने की रेस मे शामिल बताए जा रहे हैं।
इन वरिष्ठ नेताओं में भी ऐसे चेहरे को तवज्जो मिलने की बात सामने आ रही है जो न केवल स्वयं निर्विवाद हो, बल्कि कांग्रेस मे गुटबाजी खत्म कर सभी को एकजुट रखते हुए कांग्रेस के लिए विजय अभियान को जारी रखने का माद्दा रखता हो।साथ ही स्थानीय विधायकों व राजधानी के शीर्ष नेताओं की नज़र मे भी विश्वसनीय प्रभाव रखता हो। इन शर्तों के आंकलन के बाद जिला कांग्रेस के नए अध्यक्ष के तौर पर तीन प्रमुख चेहरे चर्चा मे हैं। चूंकि, निगम और पंचायत चुनावों की नजदीकियों के मद्देनजर माना यहां तक जा रहा है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए तितर-बितर पार्टी संगठन मे जान फूंकने और नए सिरे से एकजुटता का समीकरण तय करने बड़े नेता भी उक्त चेहरों पर दांव लगाने अपनी गुणा गणित सेट करने लगे हैं।
इनमें सबसे पहला नाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सन्तोष रॉय का है जो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ कद्दावर नेता डॉ. चरणदास महंत के बेहद करीबी भी हैं। यहां यह बताना लाज़िमी होगा कि संतोष रॉय न केवल कांग्रेस के ईमानदार समर्पित सिपहसलार हैं, बल्कि इनके सफेदपोशी की कद्र राजधानी तक भी है। चूंकि, संतोष रॉय पूर्व मे जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं इसलिए इनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए नैतिक तौर पर भी अध्यक्ष के लिए उनका नाम स्वस्फूर्त आगे रखने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए।
दूसरा नाम कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता हरेराम तिवारी का सामने आ रहा है। तिवारी विगत दो दशकों से भी ज्यादा समय से पार्टी प्रवक्ता का दायित्व बखूबी निभाते आ रहे हैं। पहले जिला प्रवक्ता और अब प्रदेश प्रवक्ता के रूप मे दो दशक तक कांग्रेस द्वारा दमदार विपक्ष की भूमिका निभाने मे हरेराम तिवारी की भागीदारी की तारीफ न केवल राजधानी के नेता, बल्कि स्वयं कांग्रेस की सरकार मे सूबे के मुखिया तक कर चुके हैं। शहीद नंदकुमार पटेल के इशारे पर कांग्रेस में शामिल हो नगर के वरिष्ठ पत्रकार हरेराम तिवारी ने अजातशत्रु छवि के साथ कांग्रेस और संगठन की छवि चमकाने का काम किया है।
यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ विधायक भूपेश बघेल के साथ रायगढ़, जशपुर, अंबिकापुर सहित प्रदेश के अन्य कई जिलों में पार्टी के प्रचार प्रसार से लेकर पदयात्राओं में हरेराम तिवारी लंबे समय साथ रहे थे। पीसीसी संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भी पीसीसी की हर बैठक मे तिवारी को प्रदेश का सबसे सक्रिय प्रवक्ता भी बताया जा चुका है। इतना ही नहीं, प्रदेश कांग्रेस तथा जिले के सभी विधायकों के बीच हरेराम तिवारी की छवि एक जिम्मेदार और समर्पित नेता की है।
वहीं, जिलाध्यक्ष की दौड़ में तीसरा प्रबल नाम संतोष बोहिदार का है। संतोष उर्फ छोटू छात्र राजनीति से ही कांग्रेस से जुड़े हैं। संतोष जिला कांग्रेस सेवादल के जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के विभिन्न युवा पदों पर रह चुके हैं। वर्तमान में जिला कांग्रेस के प्रकोष्ठ पदाधिकारी के साथ जिला पंचायत सदस्य भी हैं। इसके अलावा बहुत ही सक्रिय और जुझारू युवा नेता के तौर पर इन्होंने पार्टी में अपनी पहचान बनाई है। संतोष में भी युवा तुर्क और भरपूर नेतृत्व क्षमता की कार्यशैली के विद्यमान गुणों की वजह से समूचे संगठन का समर्थन भी नि:शर्त हासिल है।
बहरहाल, रायगढ़ जिले से सारंगढ़ जिला अलग होने के बाद कांग्रेस मे जिलाध्यक्ष के लिए युवाओं सहित कई नए पुराने दावेदार रेस मे शामिल हैं। संभावित दावेदारों मे जिलाध्यक्ष की कुर्सी किसे हासिल होगी, इस पर पीसीसी का जल्द ही निर्णय आने वाला है।



