कुड़ेकेला/रायगढ़ (सृजन न्यूज)। धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों के हमले से इंसानों मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा हादसा छाल वन परिक्षेत्र का है। राजू दास महंत पिता स्व. बाबूलाल दास महंत निवासी ग्राम कुड़ेकेला आज अलसुबह लगभग 5:30 बजे अपने खेत लाला डेरा गया था, वहां डोरी का पेड़ भी स्थित है। कयास लगाया जा रहा है कि वह डोरी बीनने ही गया था। इसी बीच दंतैल वहां आ धमका। हाथी से उसका आमना-सामना हो गया. फिर क्या, इससे पहले कि राजू दास कुछ समझ पाता या वहां से भाग पाता, गजराज ने उस पर हमला बोल दिया और उसे पटककर मौत की नींद सुला दी।
बताया जा रहा है कि घटना से पूर्व कुड़ेकेला के मोहल्ला मांदर पखना में हाथी कटहल खा रहा था। वहां कुछ महिलाओ ने हाथी को देखकर आवाज लगाई। वहां से उसे खदेड़ा तो हाथी वहां से भागा और लाला डेरा पहुंच गया, जहां राजू दास महंत अपने खेत के पास डोरी बीन रहा था और हाथी ने इस घटना को अंजाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि जब से रेंज अफसर मुनेश्वर मसकोले द्वारा सन 2021से छाल वन परिक्षेत्र का पदभार संभाला है, तब से अब तक छाल रेंज में हाथियों के हमले से कुल 7 ग्रामीणों की अकाल मृत्यु हो चुकी है। वहीं कई हाथियों की भी मौतें हो चुकी हैं।क्षेत्रवासियों की माने तो वनपरिक्षेत्र अधिकारी की निष्क्रियता की वजह से जंगल में लगातार वनों की कटाई हो रही है और वन भूमि पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है जो विभाग के लिए भारी चिंतन का विषय है। हाथी-मानव द्वंद को रोक पाने में विभाग अभी तलक नाकाम ही साबित हुआ है। विभाग के सारे कवायद धरातल पर सिफर नजर आ रहे हैं। बहरहाल वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच आगे की कार्यवाही में जुटे हैं।