Home रायगढ़ न्यूज हाफ मर्डर का फरार मुल्जिम दिनेश सिदार पहुंचा जेल

हाफ मर्डर का फरार मुल्जिम दिनेश सिदार पहुंचा जेल

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान उपजे हिंसक विवाद में  युवक पर जमकर घूंसे बरसाने के अलावे ईंट से जानलेवा हमला करते हुए उसे अधमरा करने के मामले में पुलिस के हाथ कामयाबी लगी है।  नाबालिग आरोपी को अपने हत्थे चढ़ाने के बाद पुलिस ने अब दूसरे मुल्जिम को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

           दरअसल, पुसौर पुलिस ने मारपीट मामले में फरार चल रहे आरोपी दिनेश सिदार, पिता लक्ष्मण सिदार, उम्र 21 वर्ष, निवासी औरदा, थाना पुसौर, जिला रायगढ़ को आज 15 अक्टूबर की सुबह गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले में अन्य आरोपी दीपक सिदार और विधि के साथ संघर्षरत बालक को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। घटना के संबंध में गत 13 अक्टूबर को संतराम मिर्रे पिता कुरर्सो मिर्रे (21 वर्ष) निवासी औरदा, थाना पुसौर ने थाना पुसौर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गणेश विसर्जन के दौरान एक लड़के (विधि के साथ संघर्षरत बालक) ने बिना किसी उकसावे के उसे हाथ-मुक्के से मारा।

                       इसके बाद, संतराम अपने चाचा लालकुमार ओगरे और मोहल्ले वालों के साथ घोघा तालाब पर गणेश विसर्जन के लिए गया। विसर्जन के बाद जब वे घर लौट रहे थे, तब रात करीब 12:30 बजे सामुदायिक भवन के पास फिर से वही लड़का दीपक सिदार और एक अन्य लड़के को बुलाकर मारपीट करने लगा। बीच-बचाव के दौरान संतराम के चाचा लालकुमार के साथ भी अभद्रता की गई और तीनों ने जान से मारने की नीयत से हाथ-मुक्का और ईंट से मारकर लालकुमार के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें पहुंचाईं। घायल को तुरंत मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें उच्च चिकित्सा उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया।

       घटना की रिपोर्ट पर थाना पुसौर में आरोपियों के खिलाफ धारा 109 (1), 115 (2), 3 (5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी (टीआई) रोहित बंजारे ने आरोपी दीपक सिदार (24 वर्ष) और विधि के साथ संघर्षरत बालक को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा। फरार आरोपी दिनेश सिदार की लगातार तलाश की जा रही थी, जिसे आज गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया गया है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी की इस कार्रवाई में निरीक्षक रोहित बंजारे, सहायक उप निरीक्षक उमाशंकर विश्वाल, महिला प्रधान आरक्षक जेनिपा पन्ना, और आरक्षक ओशनिक विश्वाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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