सारंगढ़/रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। सारंगढ़ अंचल के वरिष्ठ पत्रकार, लेखनी के हुनरमंद और शायरी के लहजे में अपनी बातों को बयां करने में महारत हासिल करने वाले मासूम अली नहीं रहे। उम्र के लंबे पड़ाव तक पत्रकारिता की डगर में चलते हुए युवा पीढ़ी को पत्रकारिता के गुण सिखाने वाले वरिष्ठ पत्रकार मासूम अली का इंतकाल हो गया।
नगर के वरिष्ठ नागरिक 92 वर्षीय मासूम अली खान ने जीवन के हर पहलुओं को बखूबी से जीया। निराशा में आशा का संचार करने वाले, अंधकार में उजाले को ढूंढने वाले मासूम अली खान ने पत्रकारिता में काफी नाम और शोहरत कमाए। मासूम भाईजान आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में भी मशहूर थे। सारंगढ़ पत्रकारिता के प्रकाश स्तंभ कहलाने वाले मासूम अली खान ने स्वर्गीय रामनिवास अग्रवाल, स्व. जगदीश शर्मा , खगेश्वर स्वर्णकार, भागीरथी थवाईत के साथ पत्रकारिता करते हुए मशहूर थे।
उनके इंतकाल से मुस्लिम जमात में जो स्थान रिक्त हुआ, उसे भर पाना सहज और सरल नहीं है। बीड़ पारा दथित कब्रगाह में वरिष्ठ पत्रकार मासूम अली को जमात और परिवार के द्वारा विधि विधान के साथ दफनाया गया। वरिष्ठ पत्रकार अब्बास अली सैफी ने कहा कि मासूम अली पत्रकारिता के एक ऐसा नूर थे, जिनके चले जाने से पत्रकार बिरादरी में सन्नाटा पसर गया। अल्लाह ताला मासूम भाई को जन्नत फरमाए। वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि मासूम अली खान यारों के यार थे। हर उम्र वालों के साथ वे ऐसे घुल-मिल जाते थे जैसे दूध में पानी। उनके चले जाने से जो स्थान रिक्त हुआ है, उसे भरा नहीं जा सकता।
उनके निधन पर पत्रकार बिरादरी के साथ श्रमजीवी पत्रकार संघ ने भी गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भावविहीन श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष गोल्डी नायक ने कहा कि मासूम अली से पत्रकारिता के कई गुण सीखने को मिले। उनके निधन पर गोपेश रंजन द्विवेदी, भरत अग्रवाल, राजमणि केसरवानी, ओमकार केशरवानी, रामकिशोर दुबे, हसन अली और संघ के पदाधिकारियों ने शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।