मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं से दहल रहा छत्तीसगढ़
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं भाजपा सरकार में प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। क्या बेटी होना गुनाह है, क्यों असुरक्षित हैं बेटियां, भाजपा के सरकार में कानून व्यवस्था ठप्प हो गई है। आरोपियों के मन में कानून का भय नहीं रहा, क्योंकि आरोपी को संरक्षण देने का काम भाजपा सरकार की डीएनए में है।
कांग्रेस नेत्री रिंकी पांडेय ने मानवता को शर्मशार करने वाली छत्तीसगढ़ में हालिया दिनों में घटित महिला अत्याचार की घटनाओं का जिक्र कर बताया कि कबीर नगर रायपुर में दिनदहाड़े रास्ता में 17 वर्षीया युवती पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किया जाता है। नाबालिग बाला की खून से सड़क लाल हो जाती है। दूसरी तरफ राजधानी रायपुर में ही 28 बरस की युवती के साथ कुछ दिन पहले दुष्कर्म की घटना घटती है। थाना में रिपोर्ट तो दर्ज कर लेते हैं लेकिन रेपिस्ट गिरफ्तार नहीं हो पाती। नतीजन 27 जुलाई को दिनदहाड़े भनपुरी चौक पर कुकर्म के आरोपी ने पीड़िता को सड़क पर घसीटा और पीटा। यही नहीं, आरोपी ने यहां तक कहा कि पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता बेटियों के सुरक्षा को लेकर सिर्फ वादा ही करते हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। नित्य प्रदेश में लगभग चार महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हो रही हैं। यह दरिंदगी इस कदर बढ़ गई है कि महिलाओं पर अत्याचार, अनाचार और हत्या का केस थमने का नाम नहीं ले रहे है। भाजपा सरकार से कानून व्यवस्था काबू नहीं हो पा रही है। बीजेपी नेत्रियां अवसरवादी राजनीति करती है। भाजपा शासन में लगातार बढ़ते अपराध, अनाचार, हत्या पर मौन हो जाती हैं। काफी अमानवीय घटना घटती है जो मीडिया वालों को पता नहीं चल पाता जिसके कारण उजागर नहीं हो पाता तो उसकी थाने में शिकायत दर्ज भी नहीं होती। वह गुमनाम लड़कियां अपना जीवन यूं ही खत्म कर देती है।
रिंकी पांडेय ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछा है कि क्या बेटियां होना गुनाह है। प्रदेश की राजधानी और अन्य जि
ले सहित ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी बेहाल है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर के भारतीय जनता पार्टी की सरकार गंभीर नहीं है। आज छत्तीसगढ़ में महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही
हैं। माता-पिता अपनी बेटियों को लेकर अधिक चिंतित है। बेटियां स्कूल
, कॉलेज या कुछ काम, नौकरी में जाती
हैं और जब तक वह घर वापस नहीं आती है तब तक माता-पिता डरे सहमें रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा लगा
ती
है। सिर्फ नारा लगाने से
कुछ नहीं होता
, बल्कि बेटियों की सुरक्षा के लिए एक कड़ा कदम उठाना
ही समय की मांग है।