रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिला कांग्रेस कमेटी रायगढ़ के अध्यक्ष अनिल शुक्ला द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार कार्यकर्ताओं के साथ डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके लिए सदन में केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा कही गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उनकी बर्खास्तगी की मांग करने हेतु राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने हेतु डॉ. आंबेडकर सम्मान मार्च निकाला गया। अमित शाह को बर्खास्त करो, अमित शाह माफी मांगों के नारे लगाते हुए कांग्रेसजन बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम को राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपकर गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई।
प्रेषित ज्ञापन में राष्ट्रपति को संबोधित कर कांग्रेस ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत और उनकी अध्यक्षता में तैयार किए गए संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग है। संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में INC यह सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ रही है कि संविधान और इसके द्वारा गारंटीकृत अधिकारों का सत्तारूढ़ शासन द्वारा उल्लंघन न हो। हमें आश्चर्य है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने के लिए संसद का इस्तेमाल मंच के रूप में किया है। हमारे संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा के दौरान विपक्ष पर हमला करने के अपने उत्साह में अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर पर अपमानजनक और अपमानजनक टिप्पणी की है।
वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री की टिप्पणी बेहद अरुचिकर है। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक का अपमान करती है। हमारे संविधान के रूप में हमारे राष्ट्र के लोकाचार के निर्माण के साथ दलित समुदाय और अन्य हाशिए के समूहों के सदस्यों के अधिकारों को सुरक्षित करने में डॉ. अंबेडकर के योगदान को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है और इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे आदरणीय राष्ट्रीय व्यक्ति का अपमान करने का कोई भी प्रयास बिना किसी परिणाम के अनियंत्रित नहीं रह सकता। इन टिप्पणियों के साथ अमित शाह और भाजपा ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों को दिए गए सकारात्मक कार्रवाई और आरक्षण के मुद्दे को महत्वहीन बना दिया है, साथ ही संवैधानिक ढांचे को भी महत्वहीन बना दिया है जो समाज में समान भागीदारी के उनके अधिकार को मान्यता देता है और उसकी रक्षा करता है। वास्तव में आज तक न तो श्री अमित शाह और न ही भाजपा संसद में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करने के लिए कोई उचित स्पष्टीकरण लेकर सामने आए हैं।
जबकि भाजपा प्रमुख मुद्दों को महत्वहीन बनाना जारी रखती है, कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भाजपा नेताओं द्वारा हमारे संविधान की समावेशी और सहिष्णु भावना को “अपहरण” करने के प्रयासों के उदाहरणों को प्रकाश में लाने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं।अक्सर ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े और उत्पीड़ित समुदायों की कीमत पर और उनकी भलाई के लिए संशोधन करके। यह समझने के लिए कि ये समुदाय राष्ट्र निर्माण और विकास में किस हद तक योगदान देते हैं, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने पूरे देश में जाति सर्वेक्षण कराने का प्रस्ताव रखा था, जिसका भाजपा, उसके नेतृत्व और उनके सहयोगियों ने कड़ा विरोध किया है। हाशिए पर पड़े समुदायों की दुर्दशा और उनके अधिकारों को सुरक्षित करने की आवश्यकता को उजागर करने वाले कांग्रेस के अभियान के जवाब में, भाजपा ने केवल कांग्रेस और उसके नेतृत्व को बदनाम करने का बार-बार प्रयास किया है। भाजपा ने कांग्रेस के बारे में सभी प्रकार के नाम-पुकार और झूठे और भ्रामक आख्यानों का प्रचार किया है। हालाँकि, अब यह बहुत आगे बढ़ गया है। हम अब उस स्थिति में हैं जहाँ केंद्रीय मंत्री ने खुद डॉ. भीमराव अंबेडकर पर व्यक्तिगत हमला करने का सहारा लिया है।
हम दोहराते हैं कि हमारे राष्ट्र के संस्थापकों ने भारत की कल्पना एक ऐसे देश के रूप में की थी जो अपने विभिन्न निवासियों का उनकी जाति, पंथ, लिंग, रंग, जन्म स्थान आदि के बावजूद सम्मान करता है। कोई भी इस तरह की गलत और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी करने की अनुमति नहीं दे सकता, खासकर हमारे देश के केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा। डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे दिग्गज पर हमला करने वाली ये टिप्पणियाँ हमारे देश की समन्वयात्मक नींव के लिए विनाशकारी हैं। हर बीतते दिन के साथ अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणियों को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिल रही है, खासकर दलित समुदाय के सदस्यों और नेताओं से, जिन्होंने उनकी टिप्पणियों की निंदा की है, जिन्होंने “दलित आइकन की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है”। वास्तव में, हमारे संविधान के निर्माता के प्रति अनादर की गूंज भाजपा और हमारे जिले सहित पूरे देश में इसके कार्यकर्ताओं द्वारा की गई, इसका बचाव किया गया है। सत्तारूढ़ शासन और उसके नेताओं को इस तरह से खुद को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है जो केवल उनकी विचारधारा के अनुकूल हो। डॉ. अंबेडकर के कद और भारत के नागरिकों से उन्हें मिलने वाले सम्मान को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि अमित शाह की टिप्पणियों ने लाखों भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। अब, भारत की संसद में मुख्य विपक्षी दल के रूप में, तथा संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने वाली पार्टी होने के नाते, हम सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी तथा संघ राज्य के प्रमुख से आग्रह करते हैं कि वे अमित शाह को हमारे देश के केंद्रीय गृह मंत्री के पद से तत्काल बर्खास्त करें तथा उन्हें डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दें।
आज डॉ अम्बेडकर के सम्मान मार्च में कलेक्टर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम गृहमंत्री अमित शाह की बर्खास्तगी को लेकर ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष दीपक पांडेय, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला, महापौर जानकी काटजू, जिला कांग्रेस प्रभारी महामन्त्री ग्रामीण विकास शर्मा, जिला कांग्रेस शहर प्रभारी महामन्त्री शाखा यादव, प्रदेश कांग्रेस प्रवक़्ता हरेराम तिवारी, प्रदेश युवक कांग्रेस महासचिव राकेश पांडेय, नगर कांग्रेस अध्यक्ष द्वय विकास ठेठवार, मदन महन्त, नारायण घोरे, रमेश कुमार भगत, रवि पांडेय, राजू चौहान, गौतम प्रसाद महापात्र, मनोज साहू, रोहित महन्त, गोरेलाल बरेठ, भरत तिवारी, दयाराम धुर्वे, मिलन मिश्रा, वसीम खान, विनोद कपूर, तारा श्रीवास, लखेश्वर मिरी, बरखा सिंह, अरुणा मेश्राम, सपना सिदार, राकेश तालुकार, रमेश द्वितीया, मोहन यादव, नरेंद्र जुनेजा, राजेश कछवाहा, सोनू पुरोहित, गणेश घोरे, कौशिक भौमिक, बनवारी लाल डहरिया, दीनबंधु निराला सहित अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।