Home छत्तीसगढ़ कलेक्टर ने पटवारी और आरआई की ली जमकर क्लास, कहा – बर्दाश्त नहीं होगी लापरवाही

कलेक्टर ने पटवारी और आरआई की ली जमकर क्लास, कहा – बर्दाश्त नहीं होगी लापरवाही

by SUNIL NAMDEO

सारंगढ़-बिलाईगढ़ (सृजन न्यूज)। राजस्व कार्यों में गति लाने के उद्देश्य से कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के सारंगढ़ और बिलाईगढ़ अनुविभाग के पटवारी और राजस्व निरीक्षक की दो पाली में बैठक ली। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर अशोक मारबल सहित सांख्यिकी अधिकारी संजय टोप्पो उपस्थित थे।

     कलेक्टर ने कहा कि राजस्व कार्यो में आम जनता, किसान या कोई भी आवेदक बेवजह परेशान ना हो यदि एसडीएम तहसीलदार की ओर से अभिलेख दुरुस्ती या अन्य कोई आदेश किया गया है तो उसका क्रियान्वयन राजस्व निरीक्षक (आरआई) और पटवारी के माध्यम से किया जाना चाहिए। उन कार्यों को पेंडिंग नहीं रखना है और यदि इसप्रकार की लापरवाही की जाती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। कोटवार राजस्व कार्यों के दौरान कार्यस्थल में दिखना चाहिए। पटवारी अतिक्रमण के प्रारंभिक चरण नींव के दौरान ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। सभी पटवारियों को निर्देशित किया गया कि अपने हल्का मुख्यालय में एक निश्चित कार्य दिवस का पोस्टर, पटवारी कार्यालय में चिपकाए और कार्य के नियत समय में उपस्थित होकर आने वाले सभी प्रकरणों का निराकरण करें।

              बैठक में कलेक्टर ने राजस्व विभाग के मैदानी आधार स्तंभ पद पटवारी व राजस्व निरीक्षक के महत्व को बताते हुए कहा कि अपने पदीय दायित्व में बड़ी जिम्मेदारी है, उसका बखूबी निर्वहन करें। राजस्व प्रकरणों में पटवारी प्रतिवेदन का अहम रोल है जिसे सभी पटवारी गंभीरतापूर्वक मौके पर पहुंचकर विस्तृत प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को सौंपेंगे। विभागीय कार्यों में नक्शा बटांकन में प्रगति लाएं। प्रत्येक पटवारी को प्रति दिवस 15 खसरों का नक्शा बटांकन कर लक्ष्य प्रदान किया गया।

        बैठक में कलेक्टर के द्वारा भू-अभिलेखों की शुद्धता सुनिश्चित करने संकलन हेड शेष खसरे, विलोपन योग्य संदिग्ध खसरा, शून्य रकबा, वाले खसरे में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए। इसी प्रकार अभिलेखों के मिलान एवं सत्यापन पश्चात् सक्षम अधिकारी तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया। नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के प्रकरण में आदेश पारित होने उपरांत नियत समय 7 दिवस में अभिलेख दुरुस्त करने निर्देशित किया गया। भुईयां पोर्टल में सभी खाता धारकों के आधार सीडिंग, मोबाइल नंबर, जेण्डर तथा किसान किताब प्रविष्टि एवं सभी खसरों में शत-प्रतिशत डिजिटल हस्ताक्षर करने निर्देशित किया गया।

प्राकृतिक आपदा आरबीसी 6(4) के प्रकरणों में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा- जनहानि, फसल, पशुधन होने पर पटवारी स्वप्रेरणा से प्रतिवेदन तहसील को प्रदाय करें पीड़ित परिवार के हित‌ग्राही को लाभ मिल सके। गांव में सभी शासकीय भूमियों का चिन्हांकन कर भूमि बैंक तैयार करने तथा अतिक्रमण की जानकारी संबंधित तहसीलदार को दी जाए। वन अधिकार मान्यता पत्रकधारी के भौतिक नामांतरण की कार्रवाई तत्काल करते हुए भू-अभिलेख में अद्यतन कर उनका आधार संख्या और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए। इसी प्रकार सीमांकन की कार्रवाई बिना देरी के पारदर्शी तरीके से करें।

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