
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। खाकी वर्दी के भीतर भी दिल होता है और वह बेबसों की पीड़ा को देख उसका दुख-दर्द भी समझता है। रायगढ़ पुलिस ने इंसानियत की ड्यूटी निभाते हुए सामाजिक सरोकार की फिर एक मर्तबे मिसाल कायम की है। दिल्ली के एक कारोबारी की मृत्यु के बाद मुफलिसी की मार झेल रहे गमजदा बेटा-बेटी जब अपने पिता के शव को मेकाहारा में छोड़कर जा रहे थे तो जूटमिल थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज ने अपनी टीम के साथ न केवल मृतक का अंतिम संस्कार कराया, बल्कि शोक के महासागर में डूबे भाई-बहन की दिल्ली वापसी का खर्चा भी उठाया।
पुलिस ने एक दफा फिर मानवता दिखाई है
, जिसकी आमजन तारीफ करते नहीं थक रहे। दरअसल
, थाना जूटमिल क्षेत्र अंतर्गत बेनी कुंज अपार्टमेंट सावित्री नगर में रहने वाला विनय प्रकाश जायसवाल (उम्र करीब 54 वर्ष) मूलत: गांधीनगर दिल्ली के रहने वाले थे। दिल्ली से आकर पहले रायपुर में व्यवसाय कर रहे थे
। बिजनेस में नुकसान होने से बेटा (22 साल) और बेटी (20 साल) के साथ रायगढ़ आकर रहने लगे थे।
एकाएक विनय जायसवाल के परिवार में कई सारी विपत्तियां आने लगी, वे स्वयं बीमार पड़ने लगे। उनके बेटे और बेटी भी गंभीर बीमार से जूझ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से विनय जायसवाल मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में भर्ती थे, कल उनका निधन हो गया। दिल्ली में उनके परिचित को विनय जायसवाल के मौत की सूचना पर वे रायगढ़ आये। मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे पिता का अंतिम संस्कार करा पाये इसलिए वे शव को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर जा रहे थे।
थाना प्रभारी जूटमिल
मोहन भारद्वाज को मेडिकल कॉलेज से सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे। मृतक के वारिसानों की स्थिति देखकर समझ चुके थे कि शव का अंतिम संस्कार पुलिस को कराना पड़ेगा
, तब उन्होंने मृतक के बेटे-बेटियों को अंतिम संस्कार तक रूकने के लिये मनाये और
हिन्दू प्रथा के अनुसार शव का कयाघाट मुक्ति
धाम में अपने स्टाफ के साथ अंतिम संस्कार करा
या।
यही नहीं, मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों को दिल्ली पहुंचाने वाहन की व्यवस्था कराये और आर्थिक सहयोग
भी कराया गया। खा
की अफसर की फर्ज के साथ इंसानियत की ड्यूटी की लोगों द्वारा उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की जा रही है।






