Home छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग में भाजपा की जीत, सीएम साय के नक्सल विरोधी अभियान पर जनता की मुहर

बस्तर संभाग में भाजपा की जीत, सीएम साय के नक्सल विरोधी अभियान पर जनता की मुहर

by SUNIL NAMDEO EDITOR

मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन पर बस्तर की जनता ने जताया पूरा भरोसा

रायपुर (सृजन न्यूज)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश की 11 में से 10 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। कोरबा सीट में मामूली अंतर से हुई हार को छोड़ दें तो बस्तर से लेकर सरगुजा तक भाजपा का परचम लहराया और पांच साल बाद बस्तर की सीट फिर से भाजपा के कब्जे में आई। बस्तर संभाग के बस्तर और कांकेर में हुई जीत विष्णु देव साय के सुशासन ही नहीं, बल्कि नक्सलवाद के विरुद्ध उनके महाभियान पर भी मुहर लगाती है। जनता का संदेश भी स्पष्ट है कि वो इस लड़ाई में साय सरकार के साथ है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी यहाँ के मतदाताओं ने भाजपा पर अपना पूरा भरोसा जताया और दोनों सीटें भाजपा की झोली में डाली।

मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन पर बस्तर की जनता ने लगाई मुहर 

मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई गारंटियों पर काम करना शुरू किया। किसानों को धान का बकाया बोनस, 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति, महतारी वंदन योजना के तहत महतारियों के खाते में हर महीने एक-एक हजार की राशि जारी करना, 3100 रूपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी, 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी, 5500 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीदी, रामलला दर्शन योजना की शुरुआत सभी कार्यों को मात्र सौ दिनों में पूरा किया। जिससे कि बस्तर की जनता का विश्वास प्रधानमंत्री मोदी और विष्णु सरकार पर बढ़ा और आज बस्तर में भाजपा के पक्ष में परिणाम यहाँ के जनता की भाजपा के प्रति विश्वास पर मुहर है। श्री साय ने बस्तर की अपनी हर सभाओं में चुनाव के बाद चरण पादुका योजना को शुरू करने की भी बात कही।

आइये जानते हैं बस्तर लोकसभा में हुए परिवर्तन और भाजपा की प्रचंड जीत के मायने :-

नक्सलवाद पर करारा प्रहार – छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर में नक्सलवाद के उन्मूलन पर लगातार रूचि दिखाई। जिसका परिणाम है कि पिछले पांच महीनों में लगभग 120 नक्सली मारे गए, 400 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और लगभग 200 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई। नक्सलियों के खिलाफ इस कार्रवाई से बस्तर की जनता का सरकार के प्रति गहरा विश्वास बढ़ा और यहाँ भाजपा की जीत पर उसकी मुहर लगी है। बस्तर वासियों को पूरा भरोसा है कि सीएम साय की अगुवाई में यह संभाग नक्सलमुक्त होकर रहेगा।

नियद नेल्लानार योजना ने दिलाई निर्णायक बढ़त – मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही विष्णुदेव साय ने कहा था कि – बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के विकास पर हमारी उनका विशेष ध्यान होगा। जिस पर तत्काल अमल करते हुए श्री साय ने बस्तर के विकास के लिए “नियद नेल्लानार योजना” शुरू की। जिसके अंतर्गत क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांवों में सड़क, नाली, पानी, बिजली, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, राशन दूकान बनाने का काम हुआ। गांव के विकास के लिए सरकार के इस महती कार्य को देखते हुए ग्रामीणों का, आदिवासियों का सरकार पर और विश्वास बढ़ा। इसके साथ ही बस्तर के अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा कैंप खोले गए, जो ग्रामीणों के लिए सहायता केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं। सीएम साय के इस कार्य पर ही जनता की मुहर लगी और भाजपा ने जीत हासिल की।

मतांतरण पर सीएम साय का कड़ा रिएक्शन – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मतांतरण पर कड़ा रिएक्शन रहा है। वे शुरू से कहते आ रहे हैं कि आदिवासियों का मतांतरण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं। आदिवासी सबसे बड़े हिन्दू हैं अगर किसी ने इनकी एकता पर खलल डालने की कोशिश की तो उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री साय ने मतांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाने की भी बात कही। इसका सकारात्मक असर बस्तर संभाग के आदिवासियों पर हुआ और उन्होंने सीएम साय की बातों पर विश्वास कर भाजपा के पक्ष में जमकर मतदान किया।

सत्ता और संगठन के बीच सामंजस्य ने दिलाई जीत – छत्तीसगढ़ में भाजपा के तीन बार प्रदेश अध्यक्ष रहे, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सत्ता और संगठन के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित करने में महारथ है। बिना संगठन के किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता ये उनको भलीभांति पता है। श्री साय ने बस्तर संभाग से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष, सभी मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी और खुद भी कार्यकर्ता सम्मेलन, जनसभा और रोड शो कर जमकर पसीना बहाया। उन्होंने अपनी हर सभा में बस्तर में परिवर्तन की बात कही, जिसने कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता में भी जोश भरा। इसका परिणाम है कि सत्ता और संगठन के बीच आपसी तालमेल से बस्तर में परिवर्तन हुआ और भाजपा ने जीत हासिल की।

महतारी वंदन योजना से महतारियों का मिला साथ – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोदी की गारंटी के अनुरूप महतारी वंदन योजना लागू की और हर महीने महिलाओं के बैंक खाते में एक-एक हजार की राशि दी। इससे बस्तर की महिलाओं का विष्णु सरकार पर विश्वास और बढ़ा, विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी यहाँ की महिलाओं ने भाजपा का साथ दिया।

पीएम मोदी ने बस्तर की जनसभा में की मोदी की तारीफ – लोकसभा चुनाव के दौरान बस्तर में चुनावी सभा करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार के कार्यों की जम कर तारीफ की। जिसका बस्तर की जनता पर सकारात्मक असर हुआ और सीएम साय पर भी उनका विश्वास बढ़ा। १01निश्चित ही बस्तर में परिवर्तन के लिए सीएम साय ने खूब पसीना बहाया और भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला भी बढ़ाया। जिसका परिणाम है कि बस्तर में अब भाजपा का सांसद है और श्री साय यहाँ द्रुत गति से विकास करने की बात कर रहे हैं। बस्तर की जीत से केंद्रीय भाजपा संगठन भी उत्साहित है। सबको पता है कि प्रदेश की सत्ता की चाबी बस्तर संभाग में है।

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