Home रायगढ़ न्यूज रायगढ़ में भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज कर रही बेजुबानों की जिंदगी से खिलवाड़!

रायगढ़ में भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज कर रही बेजुबानों की जिंदगी से खिलवाड़!

by SUNIL NAMDEO

नगर निगम द्वारा पारित नियमों की उधड़ रही खुलेआम बखियां!

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ नगर निगम ने विगत महीने एक टेंडर पास किया था, जिसमें शहर के अनुमानन 10000 डॉग की नसबंदी की जानी है। खास बात यह है कि हर डॉग की नसबंदी के लिए टेंडर दिए जाने वाली कंपनी को प्रत्येक डॉग के पीछे 1100 रुपए का भुगतान किया जाएगा।

     नगर निगम रायगढ़ द्वारा यह टेंडर भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज को दिया गया है। इसके पीछे नगर निगम ने अपने नियमों को पहले ही सामने रख दिए थे। नियम के अनुसार कुत्ते को पकड़ने के लिए एक वाहन-चालक सहित निगम उपलब्ध करवाएगा, जबकि अन्य संसाधन ठेका कंपनी को व्यवस्था करना है। बधिया करण एवं टीकाकरण कार्य में लगने वाले सभी प्रकार के सर्जिकल उपकरण, फर्नीचर, दवाइयाँ, वैक्सीन एवं स्वानों के समुचित भोजन की व्यवस्था करनी होगी।

       वहीं, नसबंदी के पहले और बाद में संक्रमण की रोकथाम के सभी उपाय पश्चात स्वानों को न्यूनतम 5 दिन तक पोस्ट ऑपरेटिव केयर में रखना होगा। ऑपरेशन के लिए जिन स्थान या मोहल्लों से स्वानों को पकड़कर लाया जायेगा, उन्हें वापस वहीं छोड़ना होगा। बधिया करण की स्थिति पता करने के लिए स्वानों के कान के पीछे पीले रंग का टैग लगाना होगा। बधिया करण के दौरान नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक और शासकीय पशु चिकित्सक की उपस्थिति रहेगी।नर स्वानों के अंडाशय (टेस्टीकल्स) मादा स्वानों के गर्भाशय (यूटरस) को निकालने के पश्चात निपटान (डिस्पोज) टीम की उपस्तिथि में होगा।

              दूसरी तरफ इस तरह कर रही भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज, रायगढ़ नगर निगम के नियमों की कई तरह उड़ा रही है नियमों की धज्जियां। जैसाकि भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज अपने साथ बधिया करण करने के लिए पर्याप्त उपकरण साथ लेकर नहीं आई है और इलाज हेतु केवल 1 डॉक्टर (डॉक्टर अरविन्द) और केवल 3 से 4 डॉग कैचर लायी है. क्या 10000 डॉग के बधिया करण के लिए ये टीम पर्याप्त है। नसबंदी करने के बाद निगम अनुसार सभी स्वानों को 5 दिनों तक सेंटर में देखरेख के लिए रखने के आदेश दिए गए हैं, मगर सूत्रों की माने तो नसबंदी के तुरंत बाद एजेंसी डॉग्स को छोड़ दे रही है। नसबंदी के बाद जो डॉग्स कमजोर हैं और जिन्हे शेल्टर में 5 दिनों के लिए रखा जा रहा है, उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है।

       इसे देखते हुए रायगढ़ शहर की 2 से 3 पशु सेवा समिति रोज नियम से उन बेज़ुबानों को दो वक़्त का खाना पहुंचा रही है। ऑपरेशन के लिए जिन स्थानों से स्वानों को जिन-जिन मोहल्लों से पकड़ कर लाया जा रहा है, ऑपरेशन के बाद उन्हें उनके निश्चित स्थान तक नहीं छोड़ा जा रहा है। बताया जाता है कि ऑपरेशन के बाद स्वानों को पहाड़ मंदिर के पीछे एवं शहर से दूर छोड़ा जा रहा है। इस बात की शिकायत उन कॉलोनी वालों ने दी है जिनके मोहल्लों से कुत्तों को उठाया गया था मगर जितने उठाये गए थे, उतने वापस नहीं छोड़े गए। बहुत से डॉग्स को बधिया करण के बाद कान के पीछे टैग लगाए बिना छोड़ दिया जा रहा है।

   आरोप है कि डॉग्स के टेस्टीकल्स निकालने के बाद उनको टांका लगाया जा रहा है, जिसे केवल निपटाने के हिसाब से टांका लगाया जा रहा है बाकी टेस्टीकल की चमड़ी को फेवी क्विक लगाकर चिपका दिया जा रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भिलाई की एनिमल केयर सर्विसेज द्वारा बेज़ुबानों को उचित उपचार नहीं दिया जा रहा है। इससे उन सभी बेज़ुबानों के स्वस्थ पर बुरा असर पड़ सकता है एवं उनकी जान माल का भी खतरा बना रहेगा।

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