Home रायगढ़ न्यूज प्रो. पांडेय पर गिरी गाज, अभाविप ने सौंपा था ज्ञापन

प्रो. पांडेय पर गिरी गाज, अभाविप ने सौंपा था ज्ञापन

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिले के अग्रणी महाविद्यालय डिग्री कॉलेज की प्रोफेसर एवं छात्र संघ प्रभारी मनोरमा पांडेय को प्रभार से हटाया गया। अभाविप डिग्री कॉलेज के द्वारा 11 जुलाई को प्रिंसीपल को ज्ञापन देकर इन्हें प्रभार से हटाने की मांग की गई थी। छात्रों ने इन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद 16 जुलाई को प्राचार्य के द्वारा लेटर जारी कर के प्रभारी प्रोफेसर को पद से हटाया गया।

                 दरअसल, अभाविप ने ज्ञापन देकर बताया था कि प्रोफेसर छात्र संघ प्रभारी के रूप में छात्रों के साथ भेदभाव करती हैं।जबकि वे जिस पद पर हैं उस पद पर निष्पक्ष व्यक्ति का होना आवश्यक है। वर्ष 2023 में हुए वार्षिक स्नेह सम्मेलन में अभाविप को पूर्णतः नजर अंदाज करते हुए प्रोफेसर ने अपने चहेतों को कार्यभार सौंपा था। पूरे कार्यक्रम में अपनी ही मनमानी चलाई थी, जिसके बाद वर्ष 2024 में हुए वार्षिक स्नेह सम्मेलन में भी प्रभारी ने छात्रों के साथ पक्षपात किया था।

        इससे विद्यार्थी परिषद में काफी आक्रोश तो था ही, साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न होने के एक कमरे के अंदर अपने चहेतों को बुलाकर पुरस्कार वितरण करने के कारण भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता काफी आक्रोशित थे। छात्र संघ प्रभारी होने के नाते उनका दायित्व था कि वे कॉलेज में कार्यरत छात्र संगठनों से बातचीत करे और उनकी समस्याओं को सुने, पर प्रभारी प्रोफेसर ऐसा नहीं करती थीं।

          अभाविप का यह भी आरोप है कि प्रभारी प्रोफेसर हमेशा छात्रों के बीच भेदभाव करती थीं। वर्ष 2024 के वार्षिक स्नेह सम्मेलन को बिगाड़ने में भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ा था। मंच से उन्होंने हमारे संगठन के कार्यकर्ताओं का अपमान किया था। पूर्व के हुए कार्यक्रम में उन्होंने सारी व्यवस्था अपने खासमखास को दे रखी थीं। उस कार्यक्रम का अभी तक कोई हिसाब नहीं है, साथ ही उन्होंने छुट्टी के समय मे एक कमरे के अंदर अपने चहेतों को बुलाकर पुरस्कार वितरण किया, जिससे स्नेह सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की भावनाएं आहत हुई।

            एबीवीपी के यह भी कहना है कि दूर ग्रामीण क्षेत्र से जो छात्र कार्यक्रम में सहभागी बने, उनको पुरस्कार मिल ही नहीं सका। प्रभारी प्रोफेसर का ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी सही नहीं था वे हमेशा गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया करती थीं। ऐसे में उन्हें पद से हटाना बहुत आवश्यक था इसलिए विद्यार्थी परिषद ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग की थी जो कि 16 जुलाई को पूरी हो गई। उक्ताशय की प्रेस रिलीज जारी कर अभाविप के जिला संयोजक सौरभ नामदेव ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि जागरूक स्टूडेंट्स ने अपने हक की लड़ाई लड़ी और एक राजनीतिक मानसिकता के साथ चलने वाली प्रोफेसर को महत्वपूर्ण पद से हटवाया।

You may also like