

सारंगढ़ (सृजन न्यूज़)। सारंगढ़ मुख्यालय के सुदूर अंचल कनकबीरा में बिंझवार समाज की कुल देवी विंध्यवासिनी देवी मंदिर में नवरात्रि के नवें दिन विधि विधान के साथ हवन यज्ञ के पश्चात नव कन्याओं का पूजन किया गया। मंदिर में देवी की प्रतीक कन्याओं का मांदर झांझ के साथ स्वागत कर पूजा-अर्चना किया गया। पूरे अंचल के उपासक कन्याओं को भोजन कराकर आशीर्वाद लेते हुए 9 कन्याओं को यथाशक्ति भेंट किए गए।

कन्या भोज के पश्चात सैकड़ों लोगों को भंडारे का भोजन कराया गया। विंध्यवासिनी देवी मंदिर बिंझवार समाज का आस्था का केंद्र है। लोग यहां उत्साह के साथ पूरे 9 दिन तक विधि विधान के साथ मंदिर में पूजा अर्चना कर सेवा किया। अंचल में नवरात्रि पर्व को लेकर उत्साह रहा। इस मंदिर निर्माण को लेकर शिक्षक लक्ष्मण बरिहा ने बताया कि जब मंदिर नहीं बना था तो तेंदू पेड़ के नीचे देवी की प्रतीक मानकर पेड़ के नीचे पूजा करते थे। कन्हैया बरिहा इस पेड़ के नीचे पूजा करते थे।

रामलाल बरिहा ने समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए लोगों को जोड़ना शुरू किया। उनकी मंशा के अनुरूप समाज आगे आया और रामलाल बरिहा ने मंदिर निर्माण के लिए नींव रखी। यह मंदिर 8 माह 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। सेवानिवृत्त शिक्षक रामलाल बरिहा के पुत्र आनंद बरिहा बताते हैं कि उनके पिता ने समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए अपना पूरा योगदान दिया। आज यह स्थल बिंझवार समाज की आस्था का केंद्र के रूप में पहचाना जा रहा है। 7 वर्ष पहले मंदिर का निर्माण हुआ है जिसमें सभी वर्ग ने सहयोग कर अपना योगदान दिया है।